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प्रकाश पुंज

रात का आलम था और ख़ामोशियों की गूंज थी

मेरे लिए वो मोहब्बत मानो जैसे प्रकाश पुंज थी

©® प्रेमयाद कुमार नवीन

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5 Comments

सुन्दर सृजन

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Gunjan Kamal

13-Dec-2023 05:45 PM

👏

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Rupesh Kumar

11-Dec-2023 06:38 PM

शानदार

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